Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
मौलाना ने चेतावनी दी कि ऐसा करना केवल कानून के नजरिए से ही गलत नहीं है, बल्कि इस कर्म के लिए इंसान अल्लाह के दरबार में भी जवाबदेह होगा।
कोलकाता की नाखोदा मस्जिद के इमाम और खतीब, मौलाना मोहम्मद शफीक कासमी ने फुटपाथ पर अवैध कब्जे को अन्याय करार देते हुए इसे गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए हैं, और इन पर व्यापारिक उद्देश्यों के लिए कब्जा करना लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करता है। मौलाना ने चेतावनी दी कि ऐसा करना केवल कानून के नजरिए से ही गलत नहीं है, बल्कि इस कर्म के लिए इंसान अल्लाह के दरबार में भी जवाबदेह होगा।
ताज़ा टीवी के माह-ए-रज़ान विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए, मौलाना कासमी ने कुरान और हदीस का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे कर्मों की माफी तभी संभव है जब खुद पैदल चलने वाले लोग दोषियों को माफ कर दें। उन्होंने सार्वजनिक स्थलों के उचित उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि ये जगहें समाज में व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं और इन्हें अनधिकृत रूप से इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
मौलाना कासमी ने सड़क पर नमाज पढ़ने के मुद्दे पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सड़कें मुख्य रूप से यातायात के लिए होती हैं और बिना अनुमति के उन पर नमाज अदा करना अन्य लोगों के लिए असुविधा का कारण बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सड़क पर नमाज पढ़ने से सार्वजनिक आवाजाही बाधित होती है, तो इसके लिए संबंधित व्यक्ति कानून और धर्म दोनों के अनुसार जवाबदेह होगा।
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार से इस तरह की इजाजत प्राप्त हो जाती है, तो फिर यह धार्मिक रूप से भी वैध हो जाता है। चूंकि सड़कें सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, इसलिए सरकारी अनुमति मिलने पर वहां इबादत करने का अधिकार दिया जा सकता है।
मौलाना कासमी के इस बयान के बाद सार्वजनिक स्थानों के सही उपयोग और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कई लोगों ने उनके विचारों की सराहना की है, वहीं कुछ का मानना है कि इस विषय पर समुदाय के नेताओं और प्रशासन के बीच गहरी चर्चा की आवश्यकता है।